फलों को देखकर कौन खाने से मना कर सकता है. देश में तमाम तरह के फलों की खेती होती है. किसान तो अब ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो जैसे विदेशी फल भी उगा रहे हैं. इन्हें बेचकर किसानों को काफी मुनाफा होता है. खास बात यह है की फलों की मांग बाजार में पूरे साल बनी रहती है. अब लोग नए नए फलों को भी पसंद कर रहे हैं. ऐसा ही एक फल है पैशन फ्रूट. इसे देश में कृष्ण फल के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मुख्य तौर पर कृष्णा फल भारत और ब्राजील में ज्यादा पाया जाता है. यहां इनकी खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है. भारत में इनकी खेती कूर्ग, नीलगिरी, मालाबार, पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में की जाती है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो मौजूदा वक्त में मणिपुर में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन हो रहा है. इस फल के पत्तों की सब्जी भी बड़े चाव से खाई जाती है. इसलिए यह काफी पसंद किया जा रहा है.
पैशन फ्रूट की 500 से अधिक किस्मे हैं. पैशन फ्रूट पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिनों से भरपूर होता है. यह पोटेशियम, तांबा, फाइबर और कई अन्य विटामिनों के साथ आवश्यक मात्रा में होता है. इसका स्वाद खट्टा होता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. ये फल पाचन शक्ति को बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, सूजन को कम करने और उम्र को नियंत्रित करने में भी सहायता करता है.
विशेषज्ञों के अनुसार पैशन फ्रूट पहाड़ों में अच्छी तरह से उगता है. खास बात यह है कि इसकी फसल को पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती. जिस वजह से यह कम बारिश वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से उग जाता है. 15 से 30 डिग्री तक के तापमान में पैशन फ्रूट की पैदावार सबसे अच्छी होती है. इसकी खेती के लिए रेतीली मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है. इसकी बुआई के लिए मानसून का शुरुआती समय सबसे उपयुक्त माना जाता है. जुलाई में इसकी बुआई के बाद अक्टूबर महीने के आस-पास इसके पेड़ में फूल निकलनें लगते हैं, जो नवंबर-दिसंबर तक फल देना शुरू कर देते हैं.