कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में खाद्य व कृषि क्षेत्र में जीन एडिटिंग के अनुप्रयोग में अग्रणी है। इस सहयोग का उद्देश्य किसानों तक उन्नत जीन एडिटिंग समाधान पहुंचाने में तेजी लाना है, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि रोजमर्रा के उपभोक्ताओं को भी फायदा मिलेगा। जीन एडिटिंग का उपयोग पौधों के अपने डीएनए में सटीक सुधार करने के लिए किया जाता है, जिससे किसानों को खाद्य उत्पादन के सामने आ रही चुनौतियों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण मिलता है।
जीन एडिटिंग को बढ़ावा देने के लिए $25 मिलियन की इक्विटी निवेश रखी गई है, जिसका उद्देश्य कृषि नवाचार को बढ़ावा देकर मूल्य सृजन करना है। यह निवेश जीन एडिटिंग के फायदों को प्रमुख फसलों तक पहुँचाने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त उन्नत जीन एडिटिंग तकनीकों को तेजी से और व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे खाद्य, ईंधन और फाइबर उत्पादन के लिए फसल उत्पादन में वृद्धि की जा सके, भले ही जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा हो।
पांच साल की अवधि में उन्नत जीन एडिटिंग क्षमताओं का उपयोग करके विभिन्न फसलों में कई गुणों के अद्वितीय जीन संशोधनों का विकास और मूल्यांकन किया जा सकेगा। पौध प्रजनन और अनुवांशिकी में लंबी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक मौसम की घटनाओं का सामना करने में सक्षम जीन एडिटेड उत्पादों के विकास व तैनाती पर मिलकर काम होगा। जीन एडिटिंग कृषि के लिए एक परिवर्तनकारी तकनीक है, जो खेती में क्लाइमेट रेज़िलियंस को बढ़ावा देगी और दुनिया की बढ़ती आबादी को खिलाने और ईंधन प्रदान करने के लिए आवश्यक कृषि उत्पादकता में वृद्धि करेगी।
जीन एडिटिंग कृषि को क्रांतिकारी बना सकती है, जिससे ऐसी फसलों की खेती संभव हो सकेगी जो जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होंगी, पोषण युक्त होंगी और उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुविधाजनक होंगी। इसके साथ ही, यह किसानों के लिए बेहतर आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगी। वर्तमान में मक्का, सोयाबीन, गेहूं, कैनोला, ब्लैकबेरी जैसी महत्वपूर्ण फसलों पर कई उत्पाद विकसित हो रही है। नवीन जीन एडिटिंग उपकरण वैज्ञानिकों को पारंपरिक प्रजनन की तुलना में बहुत तेज़ी और प्रभावी ढंग से नई और विशिष्ट पौध किस्मों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करते हैं।