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Monsoon Woes Gripping Indian Farmers in Hind: भारत में अनियमित मॉनसून के पैटर्न से किसानों को चिंता

Monsoon Woes Gripping Indian Farmers in Hind: भारत में अनियमित मॉनसून के पैटर्न से किसानों को चिंता
Monsoon Woes Gripping Indian Farmers in Hind: भारत में अनियमित मॉनसून के पैटर्न से किसानों को चिंता

भारत में अनियमित मॉनसून के पैटर्न के कारण कुछ क्षेत्रों में कमजोर बारिश हो रही है और अन्य क्षेत्रों में जैसे उत्तर भारत में अत्यधिक वर्षा ने फसल को नुकसान पहुंचाया है। वर्षा की इस अनियमितता ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जून 1 से भारत में मॉनसून की शुरुआत से अब तक कुल 312.6 मिमी की वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले सालों के आंकडे के अनुसार सामान्य मानी जाती है। पिछले वर्षों में इस अवधि के दौरान औसत वर्षा 313.9 मिमी रही है। दक्षिणी भारत में कमजोर वर्षा के प्रभाव से ज्यादातर क्षेत्रों को जूझना पड़ रहा है, हालांकि इस क्षेत्र में मॉनसून की प्रारंभिक आगमन सामान्य रहा है। सभी दक्षिणी इलाकों में वर्षा सामान्य से 19 प्रतिशत कम है। 
पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में वर्षा सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक रही है। 

मॉनसून का प्रभाव किसानी पर कैसा 

भारी वर्षा में खड़ी फसल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कई किसानों को नुकसान उठाना पडा है और बोई हुई धान की पौध गिरने से पुनः बोने की आवश्यकता है। झारखंड, आंध्र/छत्तीसगढ़, बिहार में औसत से कम वर्षा के कारण चावल के फसलों के बोने पर धीमी गति हो सकती है। सब्जियों की भी खड़ी फसल को अत्यधिक वर्षा ने उत्तरभारत में हानि पहुंचाई है। यदि यह रबी फसलों की काटने और खरीफ बोने के बीच कम समय रह जाता है, तो यह गेहूं की खेती पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। अगस्त और सितंबर में मॉनसून को स्थिर रखने के लिए अच्छी रबी फसलों की आश्वस्तता की आवश्यकता है, और इस समय में मौसम विश्लेषकों के अनुमानों के अनुसार कुछ क्षेत्रों में कम वर्षा हो सकती है। भारतीय किसानों के लिए यह आगामी दिन सामान्य वर्षा पर आश्रित हैं। 
 

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