जलवायु (Climate)
- प्याज की फसल को हर सीजन में उगाया जाता है।
- फसल की कटाई के समय बारिश न हो इस प्रकार फसल प्याज की बुवाई की जानी चाहिए।
तापमान (Temperature)
15 से 25 डिग्री सेल्सीयस तापमान उपयुक्त होता है।
जलमांग (Water Requirement)
- प्याज की फसल सिंचित क्षेत्र की फसल है।
- इस फसल के लिए 400 से 700 मिलीमीटर जल की आवश्यक है।
- फसल की वृद्धि के समय पर्याप्त सिंचाई करनी चाहिए।
मिट्टी (Soil)
- इस फसल के लिए के लिए रेतीली दोमट उपयोगी होती है।
- भूमि में ह्यूमस की मात्रा होने फसल बेहतर होती है।
- इस फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित जलनिकास वाली भूमि अपनाए।
पीएच (Ph)
- आदर्श पीएच 6.5 से 7.5 होना चाहिए।
- अगर पीएच 6 से कम है तब चुने का प्रयोग करें।
- अगर पीएच 7.5 से अधिक है तब जिप्सम का प्रयोग करें।
प्रमुख किस्में (Variety)
पूना फुरसंगी
- जीवनकाल – 95 से 105 दिन
- विशेषता – लाल कंद गोलआकार होते है।
- उपज – 120 से 140 क्विंटल प्रति एकड़
एग्री फाउंड लाइट रेड
- जीवनकाल – 115 से 125 दिन
- विशेषता – मोटे बल्ब गोल आकार के कंद होते है।
- उपज – 120 से 140 क्विंटल प्रति एकड़
एन- 53
- जीवनकाल – 135 से 140 दिन
- विशेषता – मोटे बल्ब गोल आकार के कंद होते है।
- उपज – 100 क्विंटल प्रति एकड़
नर्सरी की तैयारी (Preparation Of Nursery)
- नर्सरी लगाने के स्थान पर जुताई करें।
- साथ ही उचित मात्रा में गोबर खाद का प्रयोग करें।
- नर्सरी का उचित आकार 300 सेमी x 75 सेमी x 15 सेमी होता है।
- दो क्यारियों के बीच लगभग 50 से 70 सेमी दूरी होनी चाहिए।
- बीज को भूमि में 3 सेमी अंदर बोना चाहिए।
- नर्सरी की बुवाई के पूर्व क्यारियों को पॉलीथीन द्वारा उपचारित कर लें।
- बीजों को व्यवस्थित क्रम में बोना चाहिए।
नर्सरी में खरपतवार व नमी संरक्षण के लिए घास या पॉलीथीन से मल्चिंग यानि ढक देना चाहिए।
बुवाई (Sowing)
- खरीफ की प्याज की बुवाई जुलाई से अगस्त में किया जाता है। कटाई नवंबर दिसंबर में की जाती है।
- रबी की बुवाई दिसंबर जनवरी में की जाती है व कटाई मार्च से मई तक कटाई की जाती है।
बीज दर (Seed Rate)
- रबी - 6-7 किलोग्राम बीज प्रति एकड़
- खरीफ – 3 किलोग्राम बीज प्रति एकड़
खेत की तैयारी (preparation of Field)
- जुताई मिट्टी की प्रकृति के अनुसार 1 से 2 बार जुताई करें व भूमि भुरभुरी हो जाए।
- खेत में गोबर खाद 7 टन और कंपोस्ट बैक्टरिया मिलाए।
- मिश्रण को मिट्टी लगभग दो सप्ताह खुला रखे ताकि इसका अपघटन ठीक से हो सके।
- भूमि समतल करें व क्यारियां तैयार करें।
- स्प्रिंकलर या ड्रिप से सिंचाई करें।
- क्यारियों का आकार 6X2 मीटर की होना चाहिए।
- अधिक उपज के लिए 1.2 मीटर .45 मीटर फरो के साथ क्यारीं बनाए।
पौधों के बीच की दूरी (Plant to Plant)
- दो पौधों की बीच की दूरी - 15 सेमी
- दो कतारों की बीच की दूरी - 8 से 10 सेमी
रोपाई (Plantation)
- रोपे का चयन कर उसकी उचित देखबाल करें।
- प्रत्यारोपण के बाद रोगों से बचाने के लिए या रोग लगने की संभावना के लिए कार्बेंडेजिम में जड़ो को 1 से 2 घंटे तक डुबो कर रखे।
खाद एवं उर्वरक (Manure & Fertilizer)
- इस फसल के लिए अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा पोषण की आवश्यकता होती है।
- उर्वरकों की मात्रा तय करने के पूर्व मृदा परीक्षण अवश्य कराए।
- इसमें एनपीके की आवश्यकता 40:20:20 किलो प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है।
प्रत्यारोपण के समय
- यूरिया – 43 किलोग्राम
- सिंगल सुपर फॉस्फेट – 125 किलोग्राम
- म्युरेट ऑफ पोटास 33 किलोग्राम
प्रत्यारोपण के महीने भर के बाद
- यूरिया 22 किलोग्राम
- प्रत्यारोपण के 45 दिन पश्चात
- यूरिया- 22 किलोग्राम
सिंचाई (Irrigation)
- खरीफ के सीजन में 5 से 8 बार सिंचाई करें।
- देरी से बुवाई करने वाली फसल में 12 बार सिंचाई करें।
- रबी के सीजन में 12 से 15 बार सिंचाई करें।
अंतराशस्य क्रियाएं (Intracultural)
- बुवाई के 3 दिन बाद निराई गूड़ाई करें।
- पेंडामेथालिन का छिड़काव 1 लीटर प्रति एकड़ के अनुसार करें।
कटाई (harvesting)
- यह फसल लगभग 4 से 5 माह में अपना जीवन चक्र पूरा कर लेती है।
- जब प्याज का कंद अपना आकार पूरा करें व पत्तियां सुख कर पीली पड़ने लगे तब आप खुदाई करें।
- कंदो को खोदकर खेत में सुखाए।
उत्पादन (Yield)
- खरीफ – 75 से 90 क्विंटल प्रति एकड़
- रबी - 90 से 100 क्विंटल प्रति एकड़