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Capsicum Cultivation: शिमला मिर्च की खेती से कमाएं लाखों, जाने खेती करने की खास तकनीकि

Capsicum Cultivation: शिमला मिर्च की खेती से कमाएं लाखों, जाने खेती करने की खास तकनीकि
शिमला मिर्च की खेती से कमाएं लाखों

भारत में लगभग सभी प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण सब्जी जैसे-टमाटर, आलू, प्याज, धनिया और शिमला मिर्च आदि बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। इन सब्जियों में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, प्रोटीन, आयरन, पोटेशियम, जिंक, कैल्षियम आदि खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। शिमला मिर्च एक हरी सब्जी है। गर्मियों में इसकी खेती करके किसान अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं।

कब करें शिमला मिर्च की खेती:

शिमला मिर्च को बेल पेपर या स्वीट पेपर भी कहते हैं। इसमें तीखापन नहीं होता है इसलिये इसका उपयोग मार्केटों में फास्ट फूड के रूप में ज्यादा करते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार शिमला मिर्च की खेती करने का सबसे अच्छा समय जून-जुलाई, और नवंबर-दिसम्बर है। शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार करके इसकी अच्छी पैदावार ले सकते हैं। 

इस तरह तैयार करें शिमला मिर्च की नर्सरी:

शिमला मिर्च की पौध को प्रो-ट्रेस में तैयार करें, इसके लिए अच्छी तरह से उपचारित ट्रे का उपयोग करना चाहिए। ट्रे में 1:1:2 की दर से वर्मीक्यूलाईट, परलाइट और कोकोपीट का मिश्रण तैयार करना चाहिए। ट्रे में मीडिया को भरने के बाद उस पर प्रति कोशिका एक बीज डालना चाहिए और हल्की सिंचाई करनी चाहिए। यदि जरूरत हो तो मल्च का भी उपयोग कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में 200-250 ग्राम संकर और 750-800 ग्राम सामान्य किस्म के बीज की आवश्यकता होती है।

इन किस्मों का चयन करें: कैलिफोर्निया वंडर, रायल वंडर, ग्रीन गोल्ड, भारत , अरका बसन्त, अरका मोहिनी, सिंजेटा इंडिया की इन्द्रा, बॉम्बी, लारियो एवं ओरोबेल, सेमिनीश की 1865, हीरा आदि किस्मे प्रचलित है।

शिमला मिर्च की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान:

शिमला मिर्च की खेती करते समय अधिक मुनाफा व अच्छी उपज के लिये हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शिमला मिर्च की बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह से 4 से 5 बार जुताई करके खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद को अच्छी तरह से मिट्टी में मिला लें। इसके बाद खेत में 80-90 सेंटीमीटर चौड़ी क्यारियां बना लें। इसके लिये आप रासायनिक उर्वरक एनः पीः के: 250:150: और 150 / किग्रा. का इस्तेमाल कर सकते हैं। पौधे की रोपाई के लिये पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर रखना चाहिए। उचित सिंचाई करें, खेत में जल भराव की स्थिति न होने दें। शिमला मिर्च की फसल में सिंचाई गर्मियों में एक सप्ताह और ठण्ड के मौसम में 12-15 दिनों तक करना चाहिए। पौधों की सिंचाई ड्रिप सिंचाई के माध्यम से करनी चाहिए।

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