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PM Fasal Bima Yojana in Hindi: भारी बारिश से फसल हो गई खराब, किसान ऐसे करें बीमा राशि के लिए क्‍लेम

PM Fasal Bima Yojana in Hindi: भारी बारिश से फसल हो गई खराब, किसान ऐसे करें बीमा राशि के लिए क्‍लेम
PM Fasal Bima Yojana in Hindi: भारी बारिश से फसल हो गई खराब, किसान ऐसे करें बीमा राशि के लिए क्‍लेम

केंद्र सरकार नई दिल्ली देश के कई राज्‍यों में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश किसानों के लिए बड़ी तबाही लेकर आई है. ज्‍यादातर खड़ी फसलें भारी बारिश, आंधी तूफान की वजह से खराब हो गई हैं, ऐसे में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से प्रदेश के कई जिलों में धान, केला, सरसो, गोभी, पालक और धनिए की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई हैं. भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हजारों बीघा खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है. इससे देशभर के किसानों में भारी मायूसी है. दरअसल, किसी किसान ने कर्ज लेकर अपनी फसल को बोया तो किसी किसान ने फसल से होने वाली आमदनी से बच्‍चों की शादी, पढ़ाई से लेकर अन्‍य बड़े खर्चे निकाल लेने की आस लगाई थी. कई जगहों पर किसान सरकार से उचित मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.  ऐसे में khetivyapar.com मुसीबत में घिरे किसान भाईयों को बताने जा रहा है कि वह फसल नष्‍ट होने के बाद कैसे उनके नुकसान की भरपाई हो सकती है. 

जानें, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के बारे में:  दरअसल, किसानों की फसलों के नुकसान की समस्‍या को देखते हुए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) चलाई जा रही है, जिसके तहत किसान बेहद कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसके बाद बीमित फसल अगर नष्‍ट हो जाती है तो बीमा कंपनी किसानों के नुकसान की भरपाई करती है.  हालांक‍ि यह किसान पर निर्भर है कि वह अपनी फसल का बीमा कराए या नहीं. ज्‍यादातर किसान अपनी फसल का बीमा कराते हैं.

कैसे कराएं बीमा? पीएम किसान फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) में फसल का बीमा कराना काफी आसान है. वे किसान जिन्‍होंने अपना किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनवा रखा है या फ‍िर उन्‍होंने कोई अन्‍य कृषि लोन भी ले रखा है, वे उसी बैंक से अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. उन्‍हें बस बैंक में फॉर्म भरना होगा. बैंक के पास किसान की जमीन और अन्‍य कागजात होते हैं, इसलिए आसानी से बीमा हो जाता है. यही नहीं, जिन किसानों ने लोन नहीं ले रखा है, वे भी किसी भी बैंक से यह बीमा करा सकते हैं. सरकार की तरफ से हर जिले में फसल बीमा करने के लिए एक या एक से अधिक बीमा कंपनियों को अधिकृत किया गया है और बैंक इनके संपर्क में रहते हैं. किसान बैंक में आधार कार्ड, जमीन से संबंधित कागजात, पटवारी से लिया गया खेत में बोई गई फसल का विवरण और वोटर कार्ड जैसी आईडी ले जाकर फसल बीमा करवा सकता है.

कैसे पाएं क्‍लेम? पीएम फसल बीमा योजना के तहत दो तरह से बीमा क्‍लेम मिलता है. पहला, प्राकृतिक आपदा से फसल नष्‍ट होने पर और दूसरा औसत आधार पर फसल कम होने पर. औस अगर प्राकृतिक आपदा से फसल नष्‍ट होती है तो किसान फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देगा और वह एक फार्म भरेगा. इसमें उसे बताना होता है कि फसल खराब होने का क्‍या कारण रहा, कौन सी फसल बोई गई है और कितने क्षेत्र में फसल बोई गई. खेत किस गांव में है, जमीन से संबंधित जानकारी आदि.  इस फॉर्म के साथ फसल की बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी भी लगानी होती है. बीमा पॉलिसी, वह बैंक देता है जहां से बीमा कराया गया है. आवेदन देने के कुछ समय बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आंकलन करते हैं. उसी आधार पर बीमा राशि तय की जाती है. फिर कुछ समय बाद किसान के खाते में बीमा राशि डाल दी जाती है.

कितना तक मिलता है क्‍लेम? प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग है. कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये, धान के लिए फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ राशि मिल सकती है. आधार पर फसल कम होने पर किसान के खाते में बीमा कंपनी अपने आप ही पैसे डाल देती है. इसके लिए किसान को कहीं आवेदन करने की जरूरत नहीं होती.

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