डैम्पिंग आफ - यह रोग खराब निकासी वाली तथा आर्द्रता वाली भारी मिट्टी को सबसे अधिक क्षतिग्रस्त करता है। बीज मिट्टी में से निकलने से पहले ही पौधे मर सकते हैं।
पर्ण चित्ती - इस रोग से शिमला मिर्च की पत्तियां भूरी तथा वृत्ताकार दिखाई देती है, जिसके परिणामस्वरूप पैदावार में कमी होती है।
बैक और एन्थ्रेक्नोज - इस रोग का लक्षण पके हुए फलों पर दिखाई देते हैं और कवक फल के डंठलों पर भी आक्रमण कर सकते हैं।
फ्यूजेरियम - यह रोग खराब निकासी वाली मिट्टी में होता है, पौधे के मुडऩे से फ्यूजेरियम मुरझान का पता चलता है। पत्तियां पीली होकर मर जाती हैं।
झुलसा - यह शिमला मिर्च का एक क्रियात्मक रोग है जिसमें फल सूर्य की सीधी किरणें पडऩे के कारण प्रभावित होते हैं।